मणिका भाग - 2

            1. वाङ्मयं तपः 

        2. नास्ति त्यागसमं सुखम् 

        3. रमणीया हि सृष्टिः एषा

        4. आज्ञा गुरूणां हि अविचारणीया 

        5. अभ्यासवशगं मनः 

        6. राष्ट्रं संरक्ष्यमेव हि 

        7. साधुवृत्तिं समाचरेत् 

        8. तिरुक्कुलरल् - सूक्ति - सौरभम् 

        9. सुस्वागतं भो ! अरुणाचलेऽस्मिन् 

        10. कालोऽहम्   

        11. किं किम् उपादेयम्

 

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08 - हितं मनोहारि च दुर्लभं वचः

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