कक्षा - ११ नमक का दरोगा (मुंशी प्रेमचंद - एक पंक्ति उत्तर) Class - 11 namak ka daroga (Munshi Premchand - One liner Question And Answer)
1. “नमक का दरोगा” , कहानी के लेखक कौन हैं – मुंशी प्रेमचंद
2. “नमक का दरोगा” कहानी कब प्रकाशित हुई थी – 1914 में
3. “नमक का दरोगा” कहानी , साहित्य का कौन सा प्रकार है – लघु कथा
4. “नमक का दारोगा” कहानी किसका अच्छा उदाहरण है – आदर्शोन्मुख यथार्थवाद
5. अंग्रेजों ने नमक पर अपना एकाधिकार करने के लिए क्या किया – नमक का एक नया व अलग विभाग बना दिया।
6. लेखक के अनुसार , ईश्वर प्रदत्त वस्तु क्या थी – नमक
7. प्रतिबंध के कारण लोग चोरी-छिपे किसका व्यापार करने लगे – नमक
8. किस ईश्वर प्रदत्त वस्तु का व्यापर करना निषेध हो गया था – नमक
9. कौन सा विभाग ऊपरी कमाई का सबसे अच्छा साधन बन गया था – नमक विभाग
10. लेखक के अनुसार , उस दौर में लोग महत्वपूर्ण विषयों के बजाय क्या पढ़कर भी उच्च पदों में आसीन हो जाते थे – प्रेम कहानी व श्रृंगार रस के काव्य
11. “नमक का दरोगा” कहानी , का नायक कौन हैं – वंशीधर
12. वंशीधर के पिता को जीवन का कैसा अनुभव था – कड़वा
13. वंशीधर के पिता ने नौकरी में ओहदे को क्या नाम दिया – पीर का मजार
14. “निगाह चादर और चढ़ावे पर रखनी चाहिए” , यह किसका कथन हैं – वंशीधर के पिता का
15. मुंशी वंशीधर के पिता के अनुसार , मासिक वेतन किसका चांद होता है – पूर्णिमा का
16. आदमी की प्यास कौन बुझाता है – ऊपरी कमाई
17. “मासिक वेतन तो पूर्णमासी के चाँद की तरह है लेकिन ऊपरी कमाई तो एक बहता स्रोत है जो हमेशा आदमी की प्यास बुझाता है” , यह कथन किसका हैं – मुंशी वंशीधर के पिता का
18. मुंशी वंशीधर के पिता के अनुसार , मासिक वेतन कौन देता है जिसमें वृद्धि नहीं होती है – मनुष्य
19. ऊपरी कमाई किसकी देन है जिसमें बरकत होती रहती हैं – ईश्वर की
20. वंशीधर कैसे पुत्र थे – आज्ञाकारी
21. वंशीधर को किस विभाग में दरोगा की नौकरी मिली – नमक विभाग में
22. किस पद के लिए लोगों का मन ललचाता था – नमक विभाग में दरोगा
23. किनके पौ बारह थे – अधिकारियों के
24. नमक विभाग में दरोगा के पद के लिए कौन ललचाते थे – वकील
25. नमक के दफ्तर से एक मील पूर्व की ओर कौन सी नदी बहती थी – जमुना
26. पंडित अलोपीदीन कहां के जमीदार थे – दातागंज
27. नमक की कालाबाजारी कौन कर रहा था – पंडित अलोपीदीन
28. पंडित अलोपीदीन की नमक की गाड़ियां किसने रोकी थी – वंशीधर ने
29. नमक की गाड़ियों कहाँ जा रही थी -कानपुर
30. पंडित अलोपीदीन को किस पर अखंड विश्वास था – लक्ष्मी पर
31. “न्याय और नीति , ये सब लक्ष्मी के खिलौने है” , यह किसका कथन है – अलोपीदीन का
32. लाखों का कारोबार किसका था – पंडित अलोपीदीन का
33. पंडित अलोपीदीन , दरोगा को किसके बल पर खरीद लेना चाहते थे – रिश्वत / धन
34. “चालीस हजार नहीं चालीस लाख पर भी असम्भव ” , यह कथन किसका है – वंशीधर का
35. धर्म ने किसे पैरों तले कुचल डाला – धन को
36. अलोपीदीन क्या देखकर मूर्छित होकर गिर पड़े – हथकड़ियां
37. दुनिया सोती हैं पर दुनिया की क्या जागती रहती हैं – जीभ
38. जहां पक्षपात हो , वहां किसकी कल्पना नहीं की जा सकती – न्याय की
39. अदालत से बाहर निकलने पर वंशीधर के साथ क्या हुआ – व्यंग्य बाणों की बौछार होने लगी
40. अदालत में किसे दोषी ठहराया गया – वंशीधर को
41. वंशीधर को अपनी ईमानदारी का इनाम किस रूप में मिला – नौकरी से निकाले जाने के
42. वृद्ध मुंशीजी (वंशीधर के पिता) के द्वार पर क्या आकर रुका – सजा हुआ रथ
43. वंशीधर ने अलोपीदीन को आते देख क्या किया – उनका आदर – सत्कार
44. पंडित अलोपीदीन ने वंशीधर की तारीफ में क्या कहा – उन्होंने अपने कर्तव्य को ईमानदारी व सच्चाई के साथ निभाने वाले व्यक्ति को अपने जीवन में पहली बार देखा
45. अपने कर्तव्य व धर्म को धन से बड़ा किसने माना – वंशीधर ने
46. पंडित अलोपीदीन वंशीधर के लिए किस पद का प्रस्ताव लेकर आए थे – मैनेजर
47. पंडित अलोपीदीन को अपनी जायजाद को सभांलने के लिए कैसा व्यक्ति चाहिए था – ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ
48. “उन्हें विद्वान व्यक्ति नहीं बल्कि ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ व्यक्ति की आवश्यकता हैं ” यह कथन किसका हैं – पंडित अलोपीदीन
49. नमक का दरोगा कहानी में पंडित अलोपीदीन के व्यक्तित्व में कौन से दो पहलू उभर कर आते हैं – (1) बेईमान एवं चतुर व्यापारी (2) स्वाभिमानी , सत्यनिष्ठ व ईमानदार लोगों का कद्रदान
50. मुंशी वंशीधर के चरित्र की विशेषताएं बताइये – स्वाभिमानी, ईमानदार व सत्यनिष्ठ
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