डिजिभारतम् – युगपरिवर्तनम्
हमारा देश भारत न केवल
सांस्कृतिक रूप से समृद्ध है, बल्कि निरंतर आविष्कारों के माध्यम
से विश्व में प्रसिद्धि प्राप्त करता है। आज पूरे विश्व में "डिजिटल
भारत" की चर्चा हो रही है। एक ही पहचान से सभी नागरिक सुविधाएं प्राप्त की जा
सकती हैं। इससे भारतीयों का जीवन अधिक सरल हो रहा है। डिजिटल प्लेटफॉर्म पर पूरी
दुनिया एक परिवार जैसी प्रतीत होती है। अब हम भारत की डिजिटल प्रगति के बारे में
पढ़ते हैं।
संग्रहालय में डिजिटल अनुभव
प्रधानमंत्री संग्रहालय में विभिन्न डिजिटल तकनीकों
का प्रदर्शन किया गया है। शिक्षक बच्चों को सावधानीपूर्वक देखने और बाद में चर्चा
करने के लिए कहते हैं। बच्चे उत्साहपूर्वक हॉलोग्राम, एआर/वीआर उपकरण, कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित संवाद
यंत्र, डिजिटल प्रक्षेपण आदि को देखते हैं।
- हॉलोग्राम के
माध्यम से प्रधानमंत्री का भाषण सुनाई और दिखाई देता है।
- वर्धित
वास्तविकता (AR) और आभासी
वास्तविकता (VR) से ऐतिहासिक घटनाओं का
अनुभव होता है।
- कृत्रिम
बुद्धिमत्ता आधारित यंत्र प्रश्नों के उत्तर देता है।
- डिजिटल
प्रक्षेपण से भारत की विकास यात्रा प्रदर्शित होती है।
डिजिटल भारत की योजनाएँ
शिक्षक बताते हैं कि डिजिटल भारत योजना का उद्देश्य
है राष्ट्र को डिजिटल रूप से सशक्त बनाना। यह योजना शासन, स्वास्थ्य, शिक्षा, वित्तीय
समावेशन आदि क्षेत्रों में कार्य कर रही है।
- डिजि
लॉकर में आधार, पैन आदि
दस्तावेज़ सुरक्षित रहते हैं।
- फास्टैग से
राजमार्गों पर शुल्क स्वतः कटता है।
- यूपीआई से
तुरंत धन भेजा जा सकता है।
- जनधन
योजना, रूपे कार्ड आदि
से वित्तीय समावेशन संभव हुआ है।
शिक्षा और अन्य क्षेत्र
- दीक्षा, स्वयं, ई-पाठशाला जैसे
मंचों से शिक्षा का प्रचार हो रहा है।
- ई-नाम, पीएम किसान जैसे प्लेटफॉर्म कृषि
क्षेत्र में सहायक हैं।
- ऑनलाइन
व्यापार, QR कोड से
वाणिज्य क्षेत्र में बदलाव आया है।
साइबर सुरक्षा - डिजिटल
युग में साइबर अपराध भी बढ़ रहे हैं। इसलिए साइबर सुरक्षा पर ध्यान देना
आवश्यक है। जागरूकता और सावधानी से हम सुरक्षित रह सकते हैं।
निष्कर्ष - बच्चे
कहते हैं कि वे भी डिजिटल भारत को समृद्ध बनाने में योगदान देंगे। शिक्षक उन्हें
प्रेरित करते हैं कि वे जागरूकता फैलाएं और डिजिटल क्रांति का हिस्सा बनें।
डिजिभारतम् – युगपरिवर्तन (हिंदी अनुवाद)
(प्रधानमंत्री संग्रहालय, नई दिल्ली। सभी बच्चे
अध्यापक के साथ संग्रहालय देखने आए हैं। वे सभी उत्सुकता से प्रदर्शित वस्तुओं को
देख रहे हैं।)
हमारा
देश भारत न केवल सांस्कृतिक दृष्टि से समृद्ध है, बल्कि
तकनीकी आविष्कारों से भी अपनी ख्याति प्राप्त करता है। आज की संपन्न स्थिति को
"डिजिटल भारत" कहा जाता है। एक ही निवेश से सभी प्रकार की सुविधाएँ
मिलती हैं। इससे भारतीयों का जीवन सरल और आरामदायक हो रहा है। डिजिटल पटल पर पूरी
दुनिया छोटी-सी प्रतीत होती है। आज हम भारत के "डिजिटल अभियान" के विषय
में पढ़ेंगे।
दृश्य
अध्यापक: बच्चो!
प्रधानमंत्री संग्रहालय में हम सबका स्वागत है। यहाँ नवीनतम डिजिटल
प्रौद्योगिकियों का उपयोग किया गया है। ध्यानपूर्वक देखो, फिर हम इस पर चर्चा करेंगे।
(सभी बच्चे उत्साहपूर्वक देखते हैं, प्रश्न पूछते हैं
और आपस में बातें करते हैं।)
सभी छात्र:
वाह! सर, यहाँ
होलोग्राम के द्वारा प्रधानमंत्री का भाषण सुनाई और दिखाई देता है। ऐसा लगता है
जैसे वे सामने ही खड़े हों।
शिखा: सचमुच!
मैंने भी होलोग्राम देखा। इस तकनीक से नेता जीवंत दिखाई देते हैं।
अर्थ: यह
"संवर्धित वास्तविकता" (AR) और
"आभासी वास्तविकता" (VR) से जुड़ा उपकरण है। इससे
ऐतिहासिक घटनाएँ प्रत्यक्ष अनुभव की तरह लगती हैं। "भारतीय स्वतंत्रता
संग्राम" देखकर हमें पूर्वजों के संघर्ष का अनुभव होता है।
भास्कर: मैंने
यहाँ कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) आधारित संवाद यंत्र
देखा। यह प्रश्नों के उत्तर देता है।
रेशिका: हाँ!
"डिजिटल प्रोजेक्शन शो" देखकर मैं रोमांचित हो गई। इसमें भारत की विकास
यात्रा दिखाई गई।
श्याम: यह
वास्तव में अद्भुत अनुभव है। समय की यात्रा जैसा प्रतीत होता है।
सभी
छात्र: सर!
हम इस विषय पर चर्चा करना चाहते हैं। क्या आगे चलें?
अध्यापक: हाँ, बिल्कुल! चलो।
(सभी आगे बढ़ते हैं।)
कक्षा
में वापस
सभी
छात्र: सर!
संग्रहालय में अद्भुत अनुभव मिला।
अध्यापक: बच्चो!
वहाँ से हमें जो ज्ञान प्राप्त हुआ, वह सचमुच
अद्भुत है। "डिजिटल" का प्रभाव हमारे दैनिक जीवन में स्पष्ट दिखाई देता
है।
सभी
छात्र: हाँ
सर! हम इस प्रभाव को जानना चाहते हैं।
अध्यापक: बहुत
अच्छा। हमारा दैनिक जीवन "डिजिटल" से परिवर्तित और प्रभावित हो रहा है।
इसके कई क्षेत्र हैं – डिजिटल शासन, स्वास्थ्य
सेवा, शिक्षा, वित्तीय समावेशन आदि।
शिखा: मैं
स्वयं "डिजि-लॉकर" का उपयोग करती हूँ। मेरा आधार कार्ड और विद्यालय
प्रमाणपत्र सुरक्षित हैं।
अर्थ: मेरे
पिता "फास्टैग" का उपयोग करते हैं। इससे टोल पर रुकने की आवश्यकता नहीं
पड़ती और शुल्क जल्दी कट जाता है।
भास्कर: मैं
"यूपीआई" का उपयोग करता हूँ। इससे मेरे माता-पिता मुझे तुरंत पैसे भेज
सकते हैं।
अध्यापक: बहुत
अच्छा! वित्तीय समावेशन में यूपीआई, रुपे कार्ड,
जनधन योजना आदि साधन हैं। अब लेन-देन के लिए नकदी की आवश्यकता कम हो
गई है। नकद रहित व्यवस्था भारत की प्रगति का संकेत है।
राघव: डिजिटल
योजना भारत की एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय योजना है।
अध्यापक: हाँ
राघव! यह राष्ट्र के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसका लक्ष्य है कि भारत डिजिटल रूप
से सक्षम बने।
श्याम: सर!
कृपया इसके स्वरूप को स्पष्ट करें।
अध्यापक: निश्चित
रूप से। डिजिटल शासन सेवाओं में "डिजि-लॉकर",
"ई-गवर्नेंस प्लेटफॉर्म" जैसे उमंग ऐप, माय-गव, गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (GeM), ऑनलाइन टीकाकरण पंजीकरण के लिए "कोविन" शामिल हैं।
शिखा: सर!
ग्रामीण क्षेत्रों में गंभीर समस्या है। वहाँ इन सेवाओं का उपयोग कैसे होगा?
अध्यापक: "जनऔषधि
योजना" के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में दवाएँ सस्ती मिलती हैं।
श्याम: हाँ
सर! सुना है कि सरकार गंभीर रोगों के इलाज के लिए कार्य कर रही है। इससे उचित दवा
मिल पाती है।
भास्कर: बिलकुल
सही। इन सेवाओं का प्रचार-प्रसार शिक्षा के माध्यम से होना चाहिए।
अध्यापक: हाँ!
शिक्षा क्षेत्र में "दीक्षा", "स्वयं",
"स्वयं प्रभा", "ई-पाठशाला",
"राष्ट्रीय डिजिटल पुस्तकालय", "निष्ठा", "पीएम ई-विद्या", निशुल्क डिजिटल कोर्स जैसे प्लेटफॉर्म उपलब्ध हैं।
अर्थ: सर!
कृषि क्षेत्र में डिजिटल भारत का योगदान कैसा है?
अध्यापक: "ई-नाम",
"पीएम किसान", ड्रोन प्रौद्योगिकी
आदि योजनाएँ किसानों के लिए हैं।
शिखा: बहुत
अच्छा! और व्यापार में इसका प्रभाव?
अध्यापक: ऑनलाइन
प्लेटफॉर्म और क्यूआर कोड से लेन-देन सरल हो गया है।
सभी
छात्र: सर!
हमने बहुत कुछ सीखा। हम भी भारत को डिजिटल भारत बनाने में योगदान देंगे।
अध्यापक: अच्छा।
लेकिन याद रखो – "साइबर सुरक्षा" भी बहुत जरूरी है। कई प्रकार के साइबर
अपराध होते हैं। लोग अक्सर धोखे और भय से इनका शिकार होते हैं।
भास्कर: हाँ
सर! लोगों को जागरूक करना चाहिए ताकि वे सुरक्षित रहें।
अध्यापक: सही
कहा। इसी प्रकार डिजिटल क्रांति भारत को उन्नत राष्ट्र बनाएगी।
सभी
छात्र: धन्यवाद
सर! हम भी डिजिटल भारत को मजबूत बनाने में योगदान देंगे ।
(सभी मिलकर नारा लगाते हैं) "सबका
साथ, सबका विकास – डिजिटल भारत हमारा प्रयास ।"
धन्यवादाः
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