8 - विचित्रः साक्षी

 

विचित्रः साक्षी प्रश्नोत्तराणि

 

प्रश्न 1. एकपदेन उत्तरं लिखत-

(क) कीदृशे प्रदेशे पदयात्रा न सुखावहा?
उत्तराणि:- विजनप्रदेशे

 

(ख) अतिथि: केन प्रबुद्धः?
उत्तराणि:-  पादध्वनिना

 

(ग) कृशकायः कः आसीत्?
उत्तराणि:-  अभियुक्तः

 

(घ) न्यायाधीशः कस्मै कारागारदण्डम् आदिष्टवान्?
उत्तराणि:-  आरक्षिणे

 

(ङ) कं निकषा मृतशरीरम् आसीत्?
उत्तराणि:-  राजमार्ग

 

 

 

प्रश्न 2. अधोलिखितानां प्रश्नानाम् उत्तराणि संस्कृतभाषया लिखत-

(क) निर्धनः जनः कथं वित्तम् उपार्जितवान्?
उत्तराणि:- निर्धनः जनः भूरि परिश्रम्य वित्तम्, उपार्जितवान्।

 

(ख) जनः किमर्थं पदाति: गच्छति?
उत्तराणि:-  अर्थ कार्येन पीडितः जनः बसयानं विहाय पदातिः गच्छति।

 

(ग) प्रसृते निशान्धकारे स किम् अचिन्तयत्?
उत्तराणि:-  प्रसूते निशान्धकारे सः अचिन्तयत् – ‘निशान्धकारे प्रसृते विजने प्रदेशे पदयात्रा न शुभावहा’।

(घ) वस्तुतः चौरः कः आसीत्?
उत्तराणि:-  वस्तुतः आरक्षी चौरः आसीत्।

 

(ङ) जनस्य क्रन्दनं निशम्य आरक्षी किमुक्तवान्?
उत्तराणि:-  जनस्य क्रन्दनं क्षुत्वा (निशम्य) आरक्षी उक्तवान्- “रे दुष्ट! तास्मिन् दिने त्वयाऽहं चोरितायाः मञ्जूषायाः ग्रहणाद् वारिता। इदानीं निजकृत्यस्य फलं भुक्ष्व अस्मिन् चौर्याभियोगे त्वं वर्षत्रयस्य कारादण्ड लप्स्यसे”।

 

(च) मतिवैभवशालिन: दुष्कराणि कार्याणि कथं साधयन्ति?
उत्तराणि:-  मतिवैभवशालिनः दुष्कराणि कार्याणि नीति युक्तिं समालम्ब्य लीलया एव साधयन्ति।

 

 

 

प्रश्न 3. रेखांकितपदमाधृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत-

(क) पुत्र द्रष्टुं सः प्रस्थितः।
उत्तराणि:- कम्

 

(ख) करुणापरो गृही तस्मै आश्रयं प्रायच्छत्।
उत्तराणि:- कस्मै

 

(ग) चौरस्य पादध्वनिना अतिथिः प्रबुद्धः।
उत्तराणि:-  कस्य

 

(घ) न्यायाधीशः बंकिमचन्द्रः आसीत्।
उत्तराणि:-  कः

 

(ङ) स भारवेदनया क्रन्दति स्म।
उत्तराणि:-  कया

 

(च) उभौ शवं चत्वरे स्थापितवन्तौ।
उत्तराणि:- कुत्र

 


 प्रश्न 4. यथानिर्देशमुत्तरत-

(क) ‘आदेश’ प्राप्य उभौ अचलताम्’ अत्र किं कर्तृपदम्?
उत्तराणि:- उभौ

 

(ख) ‘एतेन आरक्षिणा अध्वनि यदुक्तं तत् वर्णयामि’-अत्र ‘मार्गे’ इत्यर्थे कि पदं प्रयुक्तम्?
उत्तराणि:-  अध्वनि

 

(ग) ‘करुणापरो गृही तस्मै आश्रयं प्रायच्छत्’-अत्र ‘तस्मै’ इति सर्वनामपदं कस्मै प्रयुक्तम्?
उत्तराणि:-  निर्धनजनाय

 

(घ) ‘ततोऽसौ तौ अग्रिमे दिने उपस्थातुम् आदिष्टवान्’ अस्मिन् वाक्ये किं क्रियापदम्?
उत्तराणि:-  आदिष्टवान्

 

(ङ) ‘दुष्कराण्यपि कर्माणि मतिवैभवशालिनः’-अत्र विशेष्यपदं किम्?
उत्तराणि:-  कर्माणि

 

 

 

प्रश्न 5. संन्धि/सन्धिविच्छेदं च कुरुत-


(क) पदातिरेव – ____ + _____
(
ख) निशान्धकारे – _____ + ____
(
ग) अभि + आगतम् – ______
(
घ) भोजन + अन्ते – ______
(
ङ) चौरोऽयम् – ____ + ______
(
च) गृह + अभ्यन्तरे – ____
(
छ) लीलयैव – _____ + _____
(
ज) यदुक्तम् – ____ + ______
(
झ) प्रबुद्धः + अतिथि: – ____
 

उत्तराणि:-

(क) पदातिरेव         पदातिः + एव
(
ख) निशान्धकारे       निशा + अन्धकारे
(
ग) अभि + आगतम्   = अभ्यागतम्
(
घ) भोजन + अन्ते      = भोजनान्ते
(
ङ) चौरोऽयम्           = चौरः + अयम्
(
च) गृह + अभ्यन्तरे     = गृहाभ्यन्तरे
(
छ) लीलयैव             = लीलया + एव
(
ज) यदुक्तम्             = यत् + उक्तम्
(
झ) प्रबुद्धः + अतिथिः = प्रबुद्धोऽतिथि:


 

 

 

 

प्रश्न 6. अधोलिखितानि पदानि भिन्न-भिन्नप्रत्ययान्तानि सन्ति। तानि पृथक् कृत्वा निर्दिष्टानां प्रत्ययानामधः लिखत-

परिश्रम्य, उपार्जितवान्, दापयितुम्, प्रस्थितः, द्रष्टुम्, विहाय, पृष्टवान्, प्रविष्टः, आदाय, क्रोशितुम्, नियुक्तः, नीतवान्, निर्णतुम्, आदिष्टवान्, समागत्य, मुदितः।

     लयप्                         क्त                     क्तवतु                 तुमुन् 

    ..............            ...............                ...............            ............. 

     ..............            ...............                ...............            .............

     ..............            ...............                ...............            .............

     ..............            ...............                ...............            .............

  
उत्तराणि:-

        लयप्                         क्त                     क्तवतु                     तुमुन्

    परिश्रम्य                    प्रस्थितः                 उपर्जितवान्             दापयितुम् 

     विहाय                      प्रविष्टः                   पृष्टवान्                     द्रष्टुम्           

    आदाय                    नियुक्तः                   नीतवान्                    क्रोशितुम्

    समागत्य                   मुदितः                  आदिष्टवान्                 निर्णेतुम्




प्रश्न 7(अ). अधोलिखितानि वाक्यानि बहुवचने परिवर्तयत-

(क) स बसयानं विहाय पदातिरेव गन्तुं निश्चयं कृतवान्।
उत्तराणि:- (क) ते बसयानं विहाय पदातिरेव गन्तुं निश्चयं कृतवन्तः।

(ख) चौरः ग्रामे नियुक्तः राजपुरुषः आसीत्।
उत्तराणि:- (ख) चौराः ग्रामेषु/ग्रामे नियुक्ताः राजपुरुषाः आसन्।

(ग) कश्चन चौर: गृहाभ्यन्तरं प्रविष्टः।
उत्तराणि:- (ग) केचन चौराः गृहाभ्यन्तरं प्रविष्टाः।

(घ) अन्येयुः तौ न्यायालये स्व-स्व-पक्षं स्थापितवन्तौ।
उत्तराणि:- (घ) अन्येयुः ते न्यायालये स्व-स्व पक्षान् स्थापितवन्तः।

 

 

 

 

प्रश्न 7(आ). कोष्ठकेषु दत्तेषु पदेषु यथानिर्दिष्टां विभक्तिं प्रयुज्य रिक्तस्थानानि पूरयत-

(क) सः ________ निष्क्रम्य बहिरगच्छत्। (गृहशब्दे पंचमी)
उत्तराणि:- (क) गृहात्

 

(ख) गृहस्थः ________ आश्रयं प्रायच्छत्। (अतिथिशब्दे चतुर्थी)
उत्तराणि:- (ख) अतिथये

(ग) तौ ________ प्रति प्रस्थितौ। (न्यायाधिकारिन् शब्दे द्वितीया)
उत्तराणि:- (ग) न्यायाधिकारिणं

(घ) ________ चौर्याभियोगे त्वं वर्षत्रयस्य कारादण्ड लप्यसे। (इदम् शब्दे सप्तमी)
उत्तराणि:- (घ) अस्मिन्

(ङ) चौरस्य ________ प्रबुद्धः अतिथिः। (पादध्वनि शब्दे तृतीया)
उत्तराणि:- (ङ) पादध्वनिना

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